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Every year on September 14, the nation observes Hindi Diwas or National Hindi Day to commemorate the day that the Constituent Assembly made Hindi (written in Devanagari script) the nation’s official language. Jawaharlal Nehru, the nation’s first prime minister, decided to observe Hindi Diwas on September 14.
Apart from Hindi Diwas, World Hindi Day 2020 is observed on January 10. The day honours the first World Hindi Conference, which took place in Nagpur on January 10, 1975, and was attended by 122 delegates from 30 different nations. The conference’s goal was to spread awareness of Hindi over the world. Former Prime Minister Dr. Manmohan Singh created World Hindi Day in 2006 with the intention of promoting Hindi.
हिन्दी ने विश्वभर में भारत को एक विशिष्ट सम्मान दिलाया है। इसकी सरलता, सहजता और संवेदनशीलता हमेशा आकर्षित करती है। हिन्दी दिवस पर मैं उन सभी लोगों का हृदय से अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने इसे समृद्ध और सशक्त बनाने में अपना अथक योगदान दिया है। – Prime minister “Narendra Modi”.
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Hindi Diwas 2022 Quotes and Poems
Hindi is the fifth most spoken language in the world, with 366 million people communicating in the language. Hindi Diwas is celebrated across schools, colleges, offices and organisations. Prestegious awards like ‘Rajbhasha Kirti Puraskar’ and ‘Rajsabha Gaurav Puraskar’ are also conferred on this day. On this Occassion Spread the message about learning and Loving Hindi Language. Written in Devnagari Script, Hindi was finally adopted as the official language under Article 343 of the Indian Constitution. It is one of the 22 scheduled languages of the Republic of India.
Hindi Diwas 2022 Quotes:
Happy Hindi Diwas! The national language is our nation’s soul and the essence of its people. “Hindi Diwas serves as a reminder of how beautiful Hindi is and how it should always be respected. Cheers to Hindi Diwas 2022! “Warmest greetings on the joyous occasion of Hindi Diwas to all of you.”
Here we are providing some quotes about the Hindi Diwas,
1: हिन्दी हमारी मातृभाषा है
इसे हर दिन बोलें
और हिन्दी दिवस के इस दिन
सबको हिन्दी में बोलने के लिए उत्साहित करें।
2: हिन्दी का सम्मान
देश का सम्मान है,
हमारी स्वतंत्रता वहां है
हमारी राष्ट्र भाषा जहां है…
3: सारे देश की आशा है
हिन्दी अपनी भाषा है,
जात-पात के बंधन को तोड़ें
हिन्दी सारे देश को जोड़े…
4: जैसे रंगों के मिलने से
खिलता है बसंत,
वैसे भाषाओं की मिश्री सी
बोली है हिन्दी
5: गर्व हमें है हिंदी पर
शान हमारी हिन्दी है,
कहते-सुनते हिन्दी हम
पहचान हमारी हिन्दी है…
6: हिन्दी पढ़ें, हिन्दी पढ़ाएं
मातृभाषा की सेवा कर
देश को महान बनाएं…
7: है भारत की आशा हिन्दी
है भारत की भाषा हिंदी
8: निज भाषा का नहीं गर्व जिसे
क्या प्रेम देश से होगा उसे
वहीं वीर देश का प्यारा है
हिंदी ही जिसका नारा है…
9: जब सभी देशवासी करेंगे हिंदी का सम्मान, तभी बढ़ेगा भारत का मान.
10: हिन्दी की बिन्दी को
मस्तक पे सजा के रखना है
सर आँखो पे बिठाएँगे
यह भारत माँ का गहना है
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Hindi Diwas 2022 Poems:
1: हिंदी थी वो जो लोगो के दिलों में उमंग भरा करती थी
हिंदी थी वह भाषा जो लोगों के दिलों मे बसा करती थी,
हिंदी को ना जाने क्या हुआ, रहने लगी हैरान परेशान
पूछा तो कहती है, अब कहां है मेरा पहले सा सम्मान
2: हिंदी-हिंदू हिन्दुस्तान,
कहते हैं, सब सीना तान,
पल भर के लिये जरा सोंचे इन्सान
रख पाते हैं हम इसका कितना ध्यान,
सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते है
अपनी हिंदी भाषा का सम्मान
3: सबकी सखी हैं मेरी हिंदी
जैसे माथे पर सजी हैं सुंदर बिंदी
देवनागरी हैं इसकी लिपि
संस्कृत हैं इसकी जननी
हर साहित्य की हैं ये ज्ञाता
सुंदर सरल हैं इसकी भाषा
प्रेम अपनापन सौन्दर्य हैं इसका
दिलाना सम्मान कर्तव्य हैं हम सबका
हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई
4: हिंदी हमारी आत्मा है भावना का साज़ है
हिंदी हमारे देश की हर तोतली आवाज़ है
हिंदी हमारी अस्मिता हिंदी हमारा मान है.
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है.
5: संस्कृत की एक लाड़ली बेटी है ये हिन्दी।
बहनों को साथ लेकर चलती है ये हिन्दी।
सुंदर है, मनोरम है, मीठी है, सरल है,
ओजस्विनी है और अनूठी है ये हिन्दी।
पाथेय है, प्रवास में, परिचय का सूत्र है,
मैत्री को जोड़ने की सांकल है ये हिन्दी।
पढ़ने व पढ़ाने में सहज है, ये सुगम है,
साहित्य का असीम सागर है ये हिन्दी।
तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है,
कवि सूर के सागर की गागर है ये हिन्दी।
वागेश्वरी का माथे पर वरदहस्त है,
निश्चय ही वंदनीय मां-सम है ये हिंदी।
अंग्रेजी से भी इसका कोई बैर नहीं है,
उसको भी अपनेपन से लुभाती है ये हिन्दी।
यूं तो देश में कई भाषाएं और हैं,
पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिन्दी।
6: बनने चली विश्व भाषा जो,
अपने घर में दासी,
सिंहासन पर अंग्रेजी है,
लखकर दुनिया हांसी,
लखकर दुनिया हांसी,
हिन्दी दां बनते चपरासी,
अफसर सारे अंग्रेजी मय,
अवधी या मद्रासी,
कह कैदी कविराय,
विश्व की चिंता छोड़ो,
पहले घर में,
अंग्रेजी के गढ़ को तोड़ो
7: गूंजी हिन्दी विश्व में
गूंजी हिन्दी विश्व में,
स्वप्न हुआ साकार;
राष्ट्र संघ के मंच से,
हिन्दी का जयकार;
हिन्दी का जयकार,
हिन्दी हिन्दी में बोला;
देख स्वभाषा-प्रेम,
विश्व अचरज से डोला;
कह कैदी कविराय,
मेम की माया टूटी;
भारत माता धन्य,
स्नेह की सरिता फूटी!
8: एक डोर में सबको जो है बांधती
वह हिंदी है
हर भाषा को सगी बहन जो मानती
वह हिंदी है।
भरी-पूरी हों सभी बोलियां
यही कामना हिंदी है,
गहरी हो पहचान आपसी
यही साधना हिंदी है,
सौत विदेशी रहे न रानी
यही भावना हिंदी है,
तत्सम, तद्भव, देशी, विदेशी
सब रंगों को अपनाती
जैसे आप बोलना चाहें
वही मधुर, वह मन भाती
नए अर्थ के रूप धारती
हर प्रदेश की माटी पर,
‘खाली-पीली बोम मारती’
मुंबई की चौपाटी पर,
चौरंगी से चली नवेली
प्रीती-पियासी हिंदी है,
बहुत बहुत तुम हमको लगती
‘भालो-बाशी’ हिंदी है।
उच्च वर्ग की प्रिय अंग्रेजी
हिंदी जन की बोली है,
वर्ग भेद को ख़त्म करेगी
हिंदी वह हमजोली है,
सागर में मिलती धाराएं
हिंदी सबकी संगम है,
शब्द, नाद, लिपि से भी आगे
एक भरोसा अनुपम है,
गंगा-कावेरी की धारा
साथ मिलाती हिंदी है.
पूरब-पश्चिम,कमल-पंखुड़ी
सेतु बनाती हिंदी है।
9: हिंदी हमारी आन है हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
हिंदी हमारी वर्तनी हिंदी हमारा व्याकरण
हिंदी हमारी संस्कृति हिंदी हमारा आचरण
हिंदी हमारी वेदना हिंदी हमारा गान है।
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
हिंदी हमारी आत्मा है भावना का साज़ है
हिंदी हमारे देश की हर तोतली आवाज़ है
हिंदी हमारी अस्मिता हिंदी हमारा मान है।
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
हिंदी निराला, प्रेमचंद की लेखनी का गान है
हिंदी में बच्चन, पंत, दिनकर का मधुर संगीत है
हिंदी में तुलसी, सूर, मीरा जायसी की तान है।
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
जब तक गगन में चांद, सूरज की लगी बिंदी रहे
तब तक वतन की राष्ट्रभाषा ये अमर हिंदी रहे
हिंदी हमारा शब्द, स्वर व्यंजन अमिट पहचान है।
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
10: पड़ने लगती है पियूष की शिर पर धारा।
हो जाता है रुचिर ज्योति मय लोचन-तारा।
बर बिनोद की लहर हृदय में है लहराती।
कुछ बिजली सी दौड़ सब नसों में है जाती।
आते ही मुख पर अति सुखद जिसका पावन नामही।
इक्कीस कोटि-जन-पूजिता हिन्दी भाषा है वही।
11: वैसे तो हर वर्ष बजता है नगाड़ा,
नाम लूँ तो नाम है हिंदी पखवाड़ा।
हिंदी हैं हम, वतन है हिन्दुस्तान हमारा,
कितना अच्छा व कितना प्यारा है ये नारा।
हिंदी में बात करें तो मूर्ख समझे जाते हैं।
अंग्रेजी में बात करें तो जैंटलमेल हो जाते।
अंग्रेजी का हम पर असर हो गया।
हिंदी का मुश्किल सफ़र हो गया।
देसी घी आजकल बटर हो गया,
चाकू भी आजकल कटर हो गया।
अब मैं आपसे इज़ाज़त चाहती हूँ,
हिंदी की सबसे हिफाज़त चाहती हूँ।।
12: भारत की गौरव-गरिमा का, गान बने हिंदी भाषा,
अंतरराष्ट्रीय मान और, सम्मान बने हिंदी भाषा।
स्वाभिमान-सद्भाव जगाती,संस्कृति की परिभाषा हिंदी,
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।
गाँधीजी का सपना ही था, ऐसा हिंदुस्तान बने,
जाति-धर्म से ऊपर हिंदी, भारत की पहचान बने।
सर्वमान्य भाषा बनकर हो, पूरित जन की आशा हिंदी।
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।
दुनिया भर की भाषाओं का, हिंदी में अनुवाद करें,
हम सब मिलकर विश्वमंच पर, हिंदी में संवाद करें।
निजभाषा-साहित्य-सृजन का, भाव जगाए भाषा हिंदी।
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।
अन्य सभी चर्चित भाषाओं, सा ही प्यार-दुलार मिले,
विश्वपटल पर हिंदी को भी, न्यायोचित अधिकार मिले।
पूरे हों संकल्प सभी के,जन-गण-मन-अभिलाषा हिंदी।
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।
हिंदी का सारी भाषाओं, से, रिश्ता है, नाता है,
भारतवंशी कहीं रहे, पर, हिंदी में इठलाता है।
समता-स्नेह-समन्वय का, संदेश बने जनभाषा हिंदी।
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।
हिंदुस्तान बिना हिंदी के, अर्थहीन है, रीता है,
देश हमारा हिंदी में, सांसें ले-लेकर जीता है।
है स्वर्णिम भविष्य की सुंदर, मोहक-मधुर दिलाशा हिंदी।
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।।
13: राष्ट्रभाषा की व्यथा।
दु:खभरी इसकी गाथा।।
क्षेत्रीयता से ग्रस्त है।
राजनीति से त्रस्त है।।
हिन्दी का होता अपमान।
घटता है भारत का मान।।
हिन्दी दिवस पर्व है।
इस पर हमें गर्व है।।
सम्मानित हो राष्ट्रभाषा।
सबकी यही अभिलाषा।।
सदा मने हिन्दी दिवस।
शपथ लें मने पूरे बरस।।
स्वार्थ को छोड़ना होगा।
हिन्दी से नाता जोड़ना होगा।।
हिन्दी का करे कोई अपमान।
कड़ी सजा का हो प्रावधान।।
हम सबकी यह पुकार।
सजग हो हिन्दी के लिए सरकार।।
14: हिंदी इस देश का गौरव है,
हिंदी भविष्य की आशा है।
हिंदी हर दिल की धड़कन है, हिंदी जनता की भाषा है।
इसको कबीर ने अपनाया
मीराबाई ने मान दिया।
आज़ादी के दीवानों ने
इस हिंदी को सम्मान दिया।
जन जन ने अपनी वाणी से हिंदी का रूप तराशा है।
हिंदी हर क्षेत्र में आगे है
इसको अपनाकर नाम करें।
हम देशभक्त कहलाएंगे
जब हिंदी में सब काम करें।
हिंदी चरित्र है भारत का, नैतिकता की परिभाषा है।
हिंदी हम सब की ख़ुशहाली
हिंदी विकास की रेखा है।
हिंदी में ही इस धरती ने
हर ख़्वाब सुनहरा देखा है।
हिंदी हम सबका स्वाभिमान, यह जनता की अभिलाषा है।
15: निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
अंग्रेज़ी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन
पै निज भाषाज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।।
उन्नति पूरी है तबहिं जब घर उन्नति होय
निज शरीर उन्नति किये, रहत मूढ़ सब कोय।।
निज भाषा उन्नति बिना, कबहुँ न ह्यैहैं सोय
लाख उपाय अनेक यों भले करो किन कोय।।
इक भाषा इक जीव इक मति सब घर के लोग
तबै बनत है सबन सों, मिटत मूढ़ता सोग।।
और एक अति लाभ यह, या में प्रगट लखात
निज भाषा में कीजिए, जो विद्या की बात।।
तेहि सुनि पावै लाभ सब, बात सुनै जो कोय
यह गुन भाषा और महं, कबहूं नाहीं होय।।
विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार
सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।।
भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात
विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।।
सब मिल तासों छाँड़ि कै, दूजे और उपाय
उन्नति भाषा की करहु, अहो भ्रातगन आय।।
Hindi Diwas slogan
- हाथ में तुम्हारे देश की शान
- हिन्दी अपनाकर तुम बनो महान।सरस, सरल मनोहारी है।
- अपनी हिंदी प्यारी है।
- हिन्दी से हिन्दुस्तान है,
- तभी तो यह देश महान है,
- निज भाषा की उन्नति के लिए अपना सब कुछ कुर्बान है।
- हम सब का अभिमान हैं हिन्दी
- भारत देश की शान हैं हिन्दी
- हिन्दी भाषा नहीं, भावों की अभिव्यक्ति है।
- यह मातृभूमि पर, मर मिटने की भक्ति है।।
Hindi Diwas 2022: Insipirational Quotes
1: Who was the first woman President of India?
- A country that does not have the pride of its language and literature cannot be advanced.- Dr. Rajendra Prasad.
- If one script is required for all Indian languages, Then it can be Devnagari only.- Justice Krishnaswami Iyer
- Use of Hindi in National prctice is neccessary for the progress of the country.- Mahatma Gnadhi
- No one can stop the promotion and development of Hindi.- Pandit Govind Ballabh Pant
- Hindi is the simplest source of our nations expression.- Samitranandan pant
- Our nagari is most scientific script in the world.- Rahul sankrityayan
Hindi Diwas 2022 FAQs
Q1. When did Hindi Diwas celebrated on?
Ans: Hindi Diwas is celebrated every year on September 14.
Q2. What is the reason for observing Hindi Diwas in India?
Ans: Constituent Assembly of India had espoused Hindi as India’s official language on the 14th September.
Q3: In which year the Indian Constitution had declared Hindi to be the national language of India?
Ans: On September 14, 1949.
Q4: Who decided to observe Hindi Diwas on September 14?
Ans: Nation’s first Prime Minister Jawaharlal Nehru.
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